क्या होती है सेरोगेसी ?
सरोगेसी (Surrogacy) का मतलब होता है किराए की कोख, जिसमें एक महिला किसीअन्य जोड़े के बच्चे को अपनी कोख में रखकर उसे जन्म देती है और महिला के बच्चे के जन्म के बाद और कोख का किराया दे देने के बाद उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं।
प्रकार -
ये सरोगेसी (किराए की कोख) दो प्रकार के होते हैं
1. ट्रेडिशनल सरोगेसी
2. जेस्टेशनल सेरोगेसी
1. ट्रेडिशनल सेरोगेसी -
पारंपरिक सरोगेसी में किराये पर ली गई कोख में पिता का स्पर्म महिला के एग्स से मैच कराया जाता है. इस सरोगेसी में बच्चे जेनिटक संबंध केवल पिता से होता है.माता से उस बच्चे का कोई अधिकार नही होता है।
2. जेस्टेशनल सरोगेसी-
इस विधि में पिता का स्पर्म और मां के एग्स को मेल टेस्ट ट्यूब के जरिए सेरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है. इससे जो बच्चा पैदा होता है, उसका जेनेटिक संबंध दोनों से होता है भारत की बात करें तो यहां पर कमर्शियल सरोगेसी अवैध है।
भारत में बेन है ?
साल 2009 की इंडिया ने कानूनी मदद से सरोगेसी को 228वीं रिपोर्ट में लॉ कमीशन ऑफ वैध किया था लेकिन कमर्शियल सरोगेसी पूरी तरह से बैन रखी गई थी।
इन सारी विधियों के बाद कई ऐसी महिलाएं जो कभी मां नहीं बन सकती थी उन माताओं को भी अपने बच्चे का सुख मिल पाता था।
नोट -
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