हेलन केलर
आप सभी हेलन केलर को तो जानते ही होंगे,, हेलन केलर ने अपना संपूर्ण जीवन अंधे बहरों की सेवा में लगा दिया था।
हेलन केलर जन्म के डेढ़ वर्ष बाद ही बीमारी की वजह से अपनी आंख ,कान और वाणी सदा के लिए खो बैठी थी इस कारण उसे यह संसार दुख में और निराशाजनक लगता था किंतु ब्रेल लिपि से उसे बोलना और पढ़ना आ गया और उसका जीवन फिर खुशहाल हो गया।
हेलन ने अंधे बहरे बच्चों की सेवा के लिए अनाथालय खोला और "मिल्टन अंध सोसाइटी" का गठन किया उसके बाद विद्यार्थियों के लिए ब्रेल लिपि में विभिन्न साहित्य प्रकाशित करने की व्यवस्था की।
आइए हेलन केलर के बारे में कुछ ऐसी जानकारियां आपको बताते हैं जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे।
हेलन केलर कौन थी :_
हेलन केलर सुप्रसिद्ध अमेरिकी महिला थी जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन अंधे बहरों की सेवा में लगा दिया था।
हेलन केलर की शिक्षाः_
हेलन केलर ने अपनी पढ़ाई कैंब्रिज स्कूल से अपनी शिक्षिका की सहायता से प्रारंभ हुई तथा उसने b.a. की परीक्षा उत्तीर्ण की।
ब्रेल लिपि क्या है:_
ब्रेल लिपि दृष्टिहिनो को शिक्षा देने के लिए बनाई गई विशेष लिपि है जिसमें मोटे कागज पर सूजे से छेद कर ध्वनि सूचक बंदियां बनाई जाती है। कागज को पलट कर उन उभरी हुई बिंदुओं को उंगली के ऊपर से पढ़ा जाता है।
हेलन केलर की अन्य रुचियां:_
हेलन केलर को पढ़ाई के अलावा नाव खेने ,तैरने में और घुड़सवारी करने का शौक था उनका अंग्रेजी जर्मन और फ्रेंच भाषा पर अधिकार था।
सलीवन का योगदान:_
सलीमन खुद भी अंधेपन का शिकार थी और हेलन के दुख का अनुभव किया था इसलिए हेलन के दुख को भलीभांति समझ सकती थी। हेलन को गुड़िया बहुत प्यारी थी सलिवन ने हेलन की हथेली पर उंगली से दो शब्द लिखा हेलन को उंगलियों का यह खेल पसंद आया उसने भी वैसा ही डॉल शब्द लिखा। इस प्रकार से सलीवन ने मन की मन की निराशा को दूर कर दिया। सलीवन की प्रेरणा से हेलन ने पढ़ना लिखना सिखा।इस से हमे सीख मिलती है कि अंधे बहरे से भेदभाव ना करते हुए उनकी सेवा करनी चाहिए।
सलीवन ने हेलन को ब्रेल लिपि से पढ़ना सिखा दिया जिससे वह अपना पूरा समय साहित्य पढ़ने में बिताने लगी। उसने सर्वप्रथम टूटे-फूटे शब्द आज बहुत गर्मी हैं का उच्चारण किया इन शब्दों को सुनकर लोगों को बहुत प्रसन्नता हुई यह हेलन के जीवन का सबसे खुशी का दिन था इससे अधिक प्रसन्नता का अनुभव उन्हें अपने जीवन में कभी नहीं हुआ।
हेलन केलर का उद्देश्य:_
हेलन केलर ने दिव्यांगों की सेवा के लिए मिल्टन एंड सोसाइटी की स्थापना की जिसका उद्देश्य अंधे बहरे लोगों के जीवन में आशा का संचार करना तथा ब्रेल लिपि में उपयोगी साहित्य प्रकाशित कर उनके जीवन में शिक्षा का अलख ज्ञान जगाना प्रमुख उद्देश्य था।
हेलन ने सर्वप्रथम सलिवन से डॉल शब्द लिखना सिखा ।उसे लिखता हुआ देखकर उसकी शिक्षिका फूली न समाई ।उन्हें हेलन को सिखाने का मार्ग मिल गया वह उसे प्रतिदिन नवीन शब्द सिखाने लगी। हेलन जैसे जैसे नए शब्द सीखती उसकी सिखाने की जिज्ञासा और बढ़ने लगी। इस कथन को उन्होंने आत्मकथा में इस प्रकार लिखा कि जिन संसार में उसके निवासियों के बीच रहकर मैं जीन नवीन शब्दों को सिखाती जा रही थी उससे यह संसार अधिक सुखी सुंदर तथा मोहित करने वाला दिखाई दे रहा था।
हेलन केलर एक प्रेरणा:_
हेलन केलर का जीवन अंध बधीर लोगों को कठोर परिश्रम तथा दृढ़ इच्छाशक्ति से असाधारण कार्य करने की प्रेरणा देता है।
कल्पना से लिखे गए किस्सों में असंभव को भी संभव होते दिखा देते हैं किंतु यदि वही घटनाएं सत्य में घट जाए तो अधिक आश्चर्यजनक होना सहज ही होता है।
यदि हेलन केलर स्वयं पर ईश्वर का प्रकोप मानकर निराश होकर निष्क्रिय पड़ी रहती तो अंधे और बहरे लोगों के जीवन में आशा और उत्साह का संचार नहीं होता ना ही नित नियम नवीन शब्द सीखने को और साहित्य पढ़ने की इच्छा होती।
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