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मंगलवार, 26 अक्टूबर 2021

दुनिया से कब खत्म होगा कोरोना और कोरोना को खत्म करने में कितना खर्च आएगा in Google

 दुनिया से कब खत्म होगा कोरोना 

और कोरोना को खत्म करने में कितना खर्च आएगा

काफ़ी सालो से पूरी दुनिया के लोग इस कोरोना से परेशान है सबको इस कोरोना से मुक्ति चाहिए।तो आइए आपको बता दे की दुनिया से कब खत्म होगा कोरोना ।


IMF ने बताया पूरा प्लान और इसकी ‘लागत’ - 

IMF ने दुनियाभर से कोरोनावायरस (Coronavirus) को खत्म करने के लिए 50 अरब डॉलर (लगभग 3.5 करोड़ रुपये) की एक ग्लोबल वैक्सीनेशन प्लान का प्रस्ताव दिया है (IMF) ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें बताया गया है कि इस महामारी को कब तक खत्म किया जा सकता है और इसके लिए कितनी राशि खर्च होगी. ऐसे में अब IMF के इस प्रस्ताव की दुनियाभर में चर्चा हो रही है.

दरअसल, IMF ने 50 अरब डॉलर (लगभग 3.5 करोड़ रुपये) की एक ग्लोबल वैक्सीनेशन प्लान का प्रस्ताव दिया है. इस प्लान के तहत 2021 के अंत तक कम से कम 40 फीसदी वैश्विक आबादी और 2022 की पहली छमाही तक कम से कम 60 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन किया जा सकता है. IMF ने कहा कि ऐसा करना 2025 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 9 ट्रिलियन डॉलर की राशि डालने के बराबर है. इससे आर्थिक गतिविधियां तेज हो जाएंगी और इसका फायदा संभवतः अमीर देशों को मिलेगा.


 थोड़े सी फंडिंग से इस संकट से बाहर निकल सकती है दुनिया

IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिएवा (Kristalina Georgieva) ने जी20 स्वास्थ्य शिखर सम्मलेन में अपने संबोधन में कहा कि अभी मजबूत एवं समन्वित कार्रवाई किए जाने की जरूरत है. साथ ही अत्यधिक लाभों के संबंध में थोड़े बहुत वित्तपोषण से दुनिया इस अभूतपूर्व स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट से स्थायी रूप से निकल सकती है. उन्होंने कहा, कुछ समय से, हम आर्थिक सफलता के खतरनाक रूप से चरमराने की चेतावनी दे रहे हैं. वैक्सीन तक पहुंच रखने वाले अमीर देशों और वैक्सीन न प्राप्त कर सकने वाले गरीब देशों के बीच अंतर बढ़ने से यह और बुरा होता जाएगा.

वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करने के लिए ये चीजें जरूरी

जॉर्जिएवा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), विश्व बैंक, GAVI, अफ्रीकी संघ एवं अन्य की तरह ही IMF भी लक्ष्यों का प्रस्ताव देता है. वित्तपोषण की जरूरतों का अनुमान व्यक्त करता है और व्यावहारिक कार्रवाई की रूपरेखा रखता है जिसके तीन व्यापक तत्व हैं. उन्होंने कहा, पहला, 2021 के अंत तक कम से कम 40 प्रतिशत आबादी का और 2022 के मध्य तक 60 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन. इसके लिए COVAX को अतिरिक्त अग्रिम अनुदान देने, अधिशेष डोज को दान करने और कच्चे माल एवं वैक्सीन का सीमा पार मुक्त प्रवाह होना जरूरी है.


इन दो चीजों से भी हासिल होगा लक्ष्य


IMF की प्रबंध निदेशक ने कहा कि दूसरा तत्व कोरोना वायरस के नए प्रकारों जैसे जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा देना है. इसका मतलब है कि अतिरिक्त वैक्सीन उत्पादन क्षमता में निवेश करना, आनुवंशिक निगरानी और आपूर्ति श्रृंखला निगरानी बढ़ाना और वायरस के रूप परिवर्तन या आपूर्ति कमियों से निपटने के लिए आकस्मिक योजनाएं बनाना शामिल है. तीसरा, अंतरिम अवधि जहां टीकों की आपूर्ति सीमित है, उसको व्यापक जांच एवं अनुरेखण, दवाइयों एवं जनस्वास्थ्य उपायों के साथ प्रबंधित करना और उसी वक्त वैक्सीन देने के लिए तैयारियां तेज करना. जॉर्जिएवा ने कहा कि यह प्रस्ताव अनुदानों, राष्ट्रीय सरकारी संसाधनों और रियायती वित्तपोषण सबको मिलाकर करीब 50 अरब डॉलर का है.

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