तेल के टैंकर गोल क्यों होते है चौकोर क्यों नहीं?
आपने जब भी तेल के टैंकर देखे होंगे उनकी आकृति गोल ही देखी होगी। गोल टैंकर सिर्फ यूं ही नहीं बनाये जाते इनके पीछे एक बड़ा कारण होता है। आइये जानते हैं क्या कारण होता है तेल के टैंकर का गोल होने का ?
किसी बर्तन में जब तेल या कोई तरल पदार्थ भरा जाता है तो वह कोनों पर दबाव बनाता है। यदि बर्तन चौकोर होगा तो सारा दबाव कार्नर पर ही लगेगा ।
यदि टैंकर गोल बनाया जाता है तो दबाव सभी दीवारों पर हर दिशा से बराबर लगने लगता है. यही वजह है कि उसके आगे और पीछे के भाग भी कुछ हद तक गोल ही बनाये जाते हैं।
पेट्रोलियम उत्पादों का परिवहन करने वाले फ्यूल डिलीवरी ट्रक का इतिहास-
पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन के लिए सबसे पहले घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाले वाहन का उपयोग किया जाता था। 1880 में घोड़ों की पीठ पर टैंक बांधकर परिवहन शुरू किया गया। ऐसा करने से कम समय में अच्छा परिणाम सामने आया। सन 1910 में पेट्रोलियम उत्पादों से चलने वाली मोटर के माध्यम से पेट्रोलियम पदार्थों की टंकियां (बैगन) का परिवहन शुरू हुआ। पेट्रोलियम पदार्थों के परिवहन हेतु दुनिया के पहले टैंकर का निर्माण सन 1905 में स्टैंडर्ड ऑयल नाम की एक एंगलो अमेरिकन कंपनी ने किया था।
पेट्रोलियम पदार्थों या तरल पदार्थों के परिवहन के लिए टैंकर गोल क्यों होते हैं
वैज्ञानिक कारण -
एक ब्लॉग में बताया गया है कि तरल पदार्थों के परिवहन में उपयोग किए जाने वाले टैंक गोल होने के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं। जब भी हम किसी तरल पदार्थ को किसी भी स्थान पर सपोर्ट करते हैं तो लिक्विड के अंदर का प्रेशर उस चीज़ के कोनों में दबाव बनाता हैं। यही कारण है कि टैंकर को आयताकार नहीं बनाया जाता। क्योंकि यदि टैंकर को आयताकार बनाया जाएगा तो उसकी उम्र बहुत कम रह जाएगी। पेट्रोलियम उत्पाद के दबाव से उसके कोने टूट जाएंगे। वहीं गोल टेंकर में कोई कोना नहीं होता इसीलिए दबाव के कारण तेल के रीसाव की संभावना रहती नहीं है।
क्योंकि जब भी किसी लिक्विड को स्टोर करने के बात आती है तो प्रेशर की वजह से लिक्विड खुद को स्टोर करने वाली बॉडी के कॉर्नर पर बहुत प्रेशर डालता है।
जिसके चलते टैंकर के कॉर्नर पर cracks की वजह से लिक्विड के लीक होने की संभावना बढ़ जाती है वही गोल टैंकर में कोने नहीं होते हैं इसलिए वहां क्रैक जैसी समस्या नहीं आती।
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